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Title : माँ संतोषी की पूजा शुक्रवार को करने से दूर हो जाती है, सभी बाधाएं


Posted By : Mansi Saroha


Posted Date : 17-Sep-2020

  • माँ संतोषी माँ दुर्गा का सबसे शांत रूप हैं। यह माँ दुर्गा के कोमल रूपों में से एक मानी जाती हैं। संतोषी माता कमल के फूल पर विराजमान होती हैं। माता संतोषी भगवान गणेश और माता रिद्धि-सिद्धि की संतान हैं। इसलिए इन्हें धन-धान्य और रत्नों की देवी कहा जाता हैं । शास्त्रों में शुक्रवार का दिन माता संतोषी को समर्पित किया जाता हैं । यह दिन माँ संतोषी की पूजा अर्चना के लिए शुभ माना गया हैं । इस दिन भक्त व्रत भी रखते है और पूजा भी करते हैं । शास्त्रों में माँ संतोषी के 16 शुक्रवार के व्रत को विशेष स्थान दिया गया हैं । यह 16 शुक्रवार का व्रत जातक के लिए बहुत फलदायी साबित होते हैं । व्रत के समापन वाले दिन सुहागन महिला को घर पर भोजन और प्रसाद खिलाया जाता हैं ।

    सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें। फिर माता संतोषी की प्रतिमा को पवित्र स्थान पर स्थापित करें। माता की प्रतिमा के पास एक कलश में जल भर कर रखें। कलश के ऊपर एक कटोरी में गुड़ व चना रखें व इसके अलावा नारियल भी रख सकते हैं । घी का दीपक माँ के आगे जलाएँ।माता को लाल चुनरी चढ़ाएं और चने व गुड़ का भोग लगाएं । यह करने के बाद कथा पढ़ना आरम्भ करें और कथा पढ़ते समय हाथ मे गुड़ व चना ज़रूर रखें। कथा समाप्त होने के बाद वह गुड़ व चना गाय को खिला दें। और कलश पर रखे गुड़ व चने को प्रसाद के रूप में बांटे। कलश का पानी तुलसी माता को अर्पित कर दें।

    माता संतोषी की कृपा व्यक्ति के जीवन में शिक्षा , धन - धान्य एवं सम्मान प्रतिष्ठिता लेकर आती है। उनके आशीर्वाद से घर में सुख - समृद्धि का वास होता है। वह समस्त परेशानियों से अपने भक्तों की रक्षा करती है एवं उन्हें सुखद जीवन प्रदान करती है।